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Class 11th History Crash Course || CH-2 लेखन कला और शहरी जीवन || 11th History Crash Course Notes in Hindi ||

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                                    कक्षा – 11वी Chapter - 2 

                           2.लेखन कला और शहरी जीवन

Notes By :- StudyAnybody                                                             Mohd Guljar(9315230675)

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मेसोपोटामिया :

                    दजला और फरात नदियों के बीच स्थित यह प्रदेश आजकल इराक गणराज्य का हिस्सा है शहरी जीवन की शुरुआत इसी सभ्यता में होती है Click Here For Full Answers

मेसोपोटामिया का अर्थ :

  1. यह शब्द यूनानी भाषा के दो शब्दों ' मेसोस ' यानि मध्य ' पोटैमोस ' यानि नदी से मिलकर बना है ।
  2. मैसोपोटामिया दजला व फरात नदियों के बीच की उपजाऊ धरती को इंगित करता है ।

 

मेसोपोटामिया की भाषा-

  •  इस सभ्यता में सबसे पहले ' सुमेरियन ' भाषा ,     
  • उसके बाद ' अक्कदी ' भाषा और बाद में ' अरामाइक ' भाषा बोली जाती थी ।
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मेसोपोटामिया की ऐतिहासिक जानकारी के प्रमुख स्त्रोत :

  1.         इमारतें
  2.         मूर्तियाँ
  3.         कत्रे
  4.         आभूषण
  5.         औजार
  6.         मुद्राएँ
  7.         मिट्टी की पट्टिकाएं तथा
  8.         लिखित दस्तावेज हैं ।
  9.         अभिलेख 

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मेसोपोटामिया की भौगोलिक स्थित :

  1. इसके शहरीकृत दक्षिणी भाग को सुमेर और अक्कद कहा जाता था ,
  2. बाद में इस भाग को बेबीलोनिया कहा जाने लगा ।
  3. इसके उत्तरी भाग को असीरियाईयों के कब्जा होने के बाद असीरिया कहा जाने लगा ।
  4. इस सभ्यता में नगरों का निर्माण 3000 ई . पू . में प्रारम्भ हो गया था
  5. उरूक , उर और मारी इसके प्रसिद्ध नगर थे ।
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10. श्रम विभाजन एवं सामाजिक संगठन शहरी जीवन एवं अर्थव्यवस्था की विशेषता थे

  1. यहाँ खाद्य - संसाधन तो समृद्ध थे परन्तु खनिज - संसाधनों का अभाव था जिन्हें तुर्की , ईरान अथवा खाड़ी पार देशों से मंगाया जाता था ।
  2.  यहाँ व्यापार के लिए परिवहन व्यवस्था अच्छी थी जलमार्ग द्वारा ।
  3. फरात नदी व्यापार के लिए विश्व मार्ग के रुप में प्रसिद्ध थी शहरी अर्थव्यवस्था में हिसाब - किताब , लेन - देन , रखने के लिए , यहाँ लेखन कला का विकास . हुआ ।


लेखन कला :

  1. मेसोपोटामिया में जो पहली पट्टिकाएँ पाई गईं हैं वे लगभग 3200 ई . पू . की हैं ,
  2. इन पर सरकण्डे की तीखी नोंक से कीलाकार लिपि द्वारा लिखा जाता था ।
  3. इन पट्टिकाओं को धूप में सुखा लिया जाता था ।

 

लेखन प्रणाली की विशेषताएँ :

1. ध्वनि के लिए कीलाक्षर या किलाकार चिन्ह का प्रयोग किया जाता था वह एक अकेला व्यंजन या स्वर नहीं होता है ।

2. अलग अलग ध्वनियों के लिए अलग अलग चिन्ह होते थे जिसके कारण लिपिक को सैकड़ों चिन्ह सीखने पड़ते थे ।

3. सुखने से पहले इन्हें गीली पट्टी पर लिखना होता था

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कीलाकार क्यूनीफार्म:-

यह लातिनी शब्द ' क्यूनियस ' , जिसका अर्थ छूटी और फोर्मा जिसका अर्थ ' आकार ' है से मिलकर बना है

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मेसोपोटामिया की कृषि और जलवायु :

1. दज़ला और फरात नाम की नदियाँ उत्तरी पहाड़ों से निकलकर अपने साथ उपजाउ बारीक मिटटी लाती रही हैं । जब इन नदियों में बाढ़ आती है अथवा जब इनके पानी को सिंचाई के लिए खेतों में ले जाया जाता है तब यह उपजाऊ मिटटी वहाँ जमा हो जाती है ।

2. यहाँ का रेगिस्तानी भाग जो दक्षिण में स्थित है यहाँ भी कृषि की जाती है और फरात नदी जब इन रेगिस्तानों में पहुंचती है तो छोटे - छोटे कई धाराओं में बंटकर नहरों जैसे सिंचाई का कार्य करती है । यहाँ गेंहूँ , जौ मटर और मसूर की खेती की जाती है ।

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मेसोपोटामिया के प्राचीनतम नगर :

1. इस सभ्यता में नगरों का निर्माण 3000 ई . पू . में प्रारम्भ हो गया था । उरूक , उर और मारी इसके प्रसिद्ध नगर थे ।

2. यहाँ उर नगर में नगर - नियोजन पद्धति का अभाव था , गलियां टेढ़ी - मेढ़ी एवं संकरी थी । जल - निकास प्रणाली अच्छी नहीं थी । उर वासी घर बनाते समय शकुन - अपशकुन पर विचार करते थे ।

3. 2000 ई . पू . के बाद फरात नदी की उर्वधारा पर मारी नगर शाही राजधानी के रूप में फला - फूला । यह अत्यन्त महत्वपूर्ण व्यापारिक स्थल पर स्थित था । इसके कारण यह बहुत समृद्ध तथा खुशहाल था । यहाँ जिमरीलियम का राजमहल मिला है तथा एक मंदिर भी मिला है ।

 

काल - गणना : .

1.      काल - गणना और गणित की विद्वतापूर्ण परम्परा दुनिया को मेसोपोटामिया की सबसे बड़ी देन है ।

2.      इस सभ्यता के लोग गुणा - भाग , वर्गमूल , चक्रवृद्धि ब्याज आदि से परिचित थे ।

3.      काल गणना के लिए यहाँ के लोगों ने एक वर्ष का 12 महीनों में , 1 महीने का 4 हफ्तों में 1 दिन का 24 घंटों में तथा 1 घंटे का 60 मिनट में विभाजन किया था । .

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मेसोपोटामिया के शहरों के प्रकार :

1.      वे जो मंदिरों के चारों ओर विकसित हुए शहर

2.      वे जो व्यापार के केन्द्रों के रूप में विकसित हुए शहर

3.      शाही शहर

 

शहरीकरण /नगरों की बसावट :

  • 1. शहर और नगर बड़ी संख्या में लोगों के रहने के ही स्थान नहीं होते थे
  • 2.      जब किसी अर्थव्यवस्था में खाद्य उत्पादन के अतिरिक्त अन्य आर्थिक गतिविधियाँ विकसित होने लगती है
  • 3.      तब किसी एक स्थान पर जनसंख्या का घनत्व बढ़ जाता है ।
  • 4.      इसके फलस्वरूप कस्बे बसने लगते हैं ।

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शहरी जीवन का विशेषताएं : StudyAnybody Youtube

1. शहरी जीवन में श्रम - विभाजन होता है ।

2. विभिन्न कार्य से जुड़े लोग आपस में लेनदेन के माध्यम से जुड़े रहते हैं

3. शहरी विनिर्माताओं के लिए ईंधन , धातु , विभिन्न प्रकार के पत्थर , लकड़ी आदि जरूरी चीजें भिन्न - भिन्न जगहों से आती हैं ।

 

मेसोपोटामिया के शहरों में माल की आवाजाही :

  • 1.      मेसोपोटामिया के खाद्य - संसाधन चाहे कितने भी समृद्ध रहे हों , उसके यहाँ खनिज - संसाधनों का अभाव था ।
  • 2.      दक्षिण के अधिकांश भागों में औजार , मोहरें मुद्राएँ और आभूषण बनाने के लिए पत्थरों की कमी थी ।
  • 3.      इराकी खजूर और पोपलार के पेड़ों की लकड़ी , गाडियाँ गाडियों के पहिए या नावें बनाने के लिए कोई खास अच्छी नहीं थी
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परिवहन :

1.      परिवहन का सबसे आसान और सस्ता साधन जलमार्ग था |

2.      मेसोपोटामियाई शहरों के लिए जलमार्ग सबसे प्रमुख साधन होने का कारण था ।StudyAnybody Youtube,

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मेसोपोटामिया के मंदिर :

1.      मेसोपोटामिया के कुछ प्रारंभिक मंदिर साधारण घरों की तरह थे अंतर केवल मंदिर की बाहरी दीवारों के कारण था जो कुछ खास अंतराल के बाद भीतर और बाहर की ओर मुड़ी होती थीं ।

2.      उर ( चंद्र ) एवं इन्नाना ( प्रेम एवं युद्ध की देवी ) यहाँ के प्रमुख देवी देवता थे ।

3.      ये कच्ची ईंटों का बना हुआ होता था ।

4.      इन मंदिरों में विभिन्न प्रकार के देवी - देवताओं के निवास स्थान थे जैसे उर जो चंद्र देवता था और इन्नाना जो प्रेम व युद्ध की देवी थी ।

5.      ये मंदिर ईंटों से बनाए जाते थे और समय के साथ बड़े होते गए |

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देवता पूजा :

1. देवता पूजा का केंद्र बिंदु होता था ।

2. लोग देवी - देवता के लिए अन्न .दही , मछली लाते थे

3. आराध्य देव सैद्धांतिक रूप से खेतों , मत्स्य क्षेत्रों और स्थानीय लोगों के पशुधन का स्वामी माना जाता था ।

4. समय आने पर उपज को उत्पादित वस्तुओं में बदलने की प्रक्रिया जैसे तेल निकालना , अनाज पीसना , कातना आरै ऊनी कपड़ों को बुनना आदि मंदिरों के पास ही की जाती थी ।

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मेसोपोटामिया के शासक :

  1. समय का यह विभाजन सिकंदर के उत्तराधिकारियों द्वारा अपनाया गया और वहाँ से यह रोम तथा इस्लाम की दुनिया में तथा बाद में मध्ययुगीन यूरोप में पहुंचा ।
  2.  गिल्गेमिश : - उरूक नगर का शासक था , महान योद्धा था , जिसने दूर - दूर तक के प्रदेशों को अपने अधीन कर लिया था ।
  3. असीरियाई शासक असुर बनिपाल ने बेबिलोनिया से कई मिट्टी की पट्टिकायें मंगवाकर निनवै में एक  Click Here For Full Answers



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